हमारे
एक मित्र है .. बाकी हमारे मित्रो की तरह ही ये भी बड़े समझदार और ईमानदार है.
दुर्लभ तौर पर समझदार और पेशे से पत्रकार मित्र एक दिन सवेरे-सवेरे हमसे पूछने लगे
आपने व्यंग लिखना बंद क्यों कर दिया ..।
अब हमारे मन में कोई चोर तो था नही तो हमने उन्हें सीधे सीधे बता दिया देखिये हमारे देश में व्यंग करने का सर्वाधिकार सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के पास ही सुरक्षित है. वो जब चाहे कोई क़ानून बना सकती है और अपनी सुविधा के हिसाब से उसे बदल भी सकती है ..अब भाई ये व्यंग यंग में भला हमारी क्या औकाद ..।
बोले देखिये आप बहुत डिप्लोमेटिक हो रही है... हमारे यहाँ बहुत बड़े बड़े व्यंगकार है जो आये दिन फेसबुक और ब्लॉग पर कोई न कोई व्यंग चिपकाते रहते है..।
हमने फिर ईमानदारी से बोलना शुरू किया . देखिये बात तो आप सही कर रहे है लेकिन वो नामी गिरामी व्यंगकार है उनका लिखा लोग पढ़ते है पर हमारे जैसे अधकचरे हिन्दीभाषी का लिखा कौन पढ़ेगा.. ।
शायद मेरी बात उन्हें जच गयी इस बार थोडा बात को बदलते हुए पूछने लगे ..
सरकार ने सहमती से सेक्स की उम्र 16 साल कर दी इस पर आपका क्या कहना है..?
(अमां यार कहाँ फंस गये सवेरे-सवेरे अब भैया सवाल पुछा है तो उत्तर तो देना ही पड़ेगा नही तो डिग्निटी प्रोब्लम हो जाएगी..।)
मैंने भी गंभीरता का मुखौटा पहनकर हल्केपन से उत्तर देना शुरू किया..
देखिये भाई जितने भी लोग इस कानून का विरोध कर रहे है हम तो कहेंगे वो मानव जाति के बहुत बड़े शुभचिन्तक है और निश्चित तौर पर ईश्वर ने उन्हें धरती पर मानव देह में जन्म सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान के उद्देश्य से ही दिया होगा.
अच्छा हम आपको एक बात बताना भूल गये ..हमारे ये मित्र थोड़े जिज्ञासु टाइप के भी है...।
तो उसी जिज्ञासा के वशीभूत होकर उन्होंने हमसे पूछ लिया... वो कैसे?
हमने कहा और नही तो क्या .. हम भले ही अपनी बेटियों की शादी 13, 14 साल या उससे भी कम में कर सकते है .. लेकिन वो अपनी मर्जी से ऐसा करे ये सरासर हमारी संस्कृति पर धब्बा है ..भले ही 18 से कम उम्र में सेक्स सहमति वाला हो, हम उसे बलात्कार के तौर पर परिभाषित कर देंगे..प्रेमी युगल जो ऐसा करते है उनको बाल सुधारगृह भेज देंगे उनमे से भी ज्यादातर लडकियों की शादी इज्जत का हवाला देकर जबरदस्ती करवा देंगे.. भले ही हफ्ते भर के अन्दर उनमे से ज्यादातर को जलाकर मार दिया जाएँ... पर इससे हमारी संस्कृति तो बच जाएगी … अब बताइए 16 साल भी कोई उम्र होती है ये सब करने की.. ?
बड़ी देर से मुझे गंभीरता से सुन रहे मित्र महोदय जी इस बार थोड़े गुस्से में बोले बात यदि सहमती की हो तो उम्र-सीमा की क्या जरूरत .. बलात्कार रोकने के लिए स्त्री पुरुष के संबंधो में सहजता बहुत जरुरी है ..। सरकार अगर 16 वर्ष की उम्र में सहमति के साथ यौन संबंधों को मंजूरी दे रही है तो इसमें गलत क्या है?
अमां यार कैसी बात करते है ... गलत कैसे नही है ... आप जैसे लोग ही है जो हमारी संस्कृति को गन्दा कर रहे है... हम 16 साल में लडकियों से घर का सारा काम तो करा सकते है..। बात-बात पर ताने दे सकते है की इतनी बड़ी होकर भी दुपट्टा क्यों नही ओढती .. 16 में सहमती और वो भी इसके लिए ना बाबा ना ।
आगे अपनी बात को कंटीन्यू करते हुए मैंने कहा देखिये अगर सहमती से कुछ भी करने की आजादी हमने लडकियों को दे दी तो भले ही बलात्कार रुक जाए पर इससे हमारी संस्कृति का बलात्कार हो जायेगा ।
इस बार हमारे मित्र निरुतर हो गये.... हम भी पासा सही पड़ता देख वहां से खिसक लिए...
(और वहां से लौटते हुए मुस्कुराते हुए मै सोचने लगी... बात कितनी ही ऊट पटांग क्यों न हो यदि फेक लॉजिक का सहारा और आत्मविश्वास का मुखौटा पहनकर की जाए तो किसी से भी मनवाई जा सकती है.. एटलिस्ट 80% जनता तो मान ही लेगी .. और बाकियों का क्या है वो भी चले आयेंगे भेडचाल में.. आप को क्या लगता है..?)
अब हमारे मन में कोई चोर तो था नही तो हमने उन्हें सीधे सीधे बता दिया देखिये हमारे देश में व्यंग करने का सर्वाधिकार सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के पास ही सुरक्षित है. वो जब चाहे कोई क़ानून बना सकती है और अपनी सुविधा के हिसाब से उसे बदल भी सकती है ..अब भाई ये व्यंग यंग में भला हमारी क्या औकाद ..।
बोले देखिये आप बहुत डिप्लोमेटिक हो रही है... हमारे यहाँ बहुत बड़े बड़े व्यंगकार है जो आये दिन फेसबुक और ब्लॉग पर कोई न कोई व्यंग चिपकाते रहते है..।
हमने फिर ईमानदारी से बोलना शुरू किया . देखिये बात तो आप सही कर रहे है लेकिन वो नामी गिरामी व्यंगकार है उनका लिखा लोग पढ़ते है पर हमारे जैसे अधकचरे हिन्दीभाषी का लिखा कौन पढ़ेगा.. ।
शायद मेरी बात उन्हें जच गयी इस बार थोडा बात को बदलते हुए पूछने लगे ..
सरकार ने सहमती से सेक्स की उम्र 16 साल कर दी इस पर आपका क्या कहना है..?
(अमां यार कहाँ फंस गये सवेरे-सवेरे अब भैया सवाल पुछा है तो उत्तर तो देना ही पड़ेगा नही तो डिग्निटी प्रोब्लम हो जाएगी..।)
मैंने भी गंभीरता का मुखौटा पहनकर हल्केपन से उत्तर देना शुरू किया..
देखिये भाई जितने भी लोग इस कानून का विरोध कर रहे है हम तो कहेंगे वो मानव जाति के बहुत बड़े शुभचिन्तक है और निश्चित तौर पर ईश्वर ने उन्हें धरती पर मानव देह में जन्म सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान के उद्देश्य से ही दिया होगा.
अच्छा हम आपको एक बात बताना भूल गये ..हमारे ये मित्र थोड़े जिज्ञासु टाइप के भी है...।
तो उसी जिज्ञासा के वशीभूत होकर उन्होंने हमसे पूछ लिया... वो कैसे?
हमने कहा और नही तो क्या .. हम भले ही अपनी बेटियों की शादी 13, 14 साल या उससे भी कम में कर सकते है .. लेकिन वो अपनी मर्जी से ऐसा करे ये सरासर हमारी संस्कृति पर धब्बा है ..भले ही 18 से कम उम्र में सेक्स सहमति वाला हो, हम उसे बलात्कार के तौर पर परिभाषित कर देंगे..प्रेमी युगल जो ऐसा करते है उनको बाल सुधारगृह भेज देंगे उनमे से भी ज्यादातर लडकियों की शादी इज्जत का हवाला देकर जबरदस्ती करवा देंगे.. भले ही हफ्ते भर के अन्दर उनमे से ज्यादातर को जलाकर मार दिया जाएँ... पर इससे हमारी संस्कृति तो बच जाएगी … अब बताइए 16 साल भी कोई उम्र होती है ये सब करने की.. ?
बड़ी देर से मुझे गंभीरता से सुन रहे मित्र महोदय जी इस बार थोड़े गुस्से में बोले बात यदि सहमती की हो तो उम्र-सीमा की क्या जरूरत .. बलात्कार रोकने के लिए स्त्री पुरुष के संबंधो में सहजता बहुत जरुरी है ..। सरकार अगर 16 वर्ष की उम्र में सहमति के साथ यौन संबंधों को मंजूरी दे रही है तो इसमें गलत क्या है?
अमां यार कैसी बात करते है ... गलत कैसे नही है ... आप जैसे लोग ही है जो हमारी संस्कृति को गन्दा कर रहे है... हम 16 साल में लडकियों से घर का सारा काम तो करा सकते है..। बात-बात पर ताने दे सकते है की इतनी बड़ी होकर भी दुपट्टा क्यों नही ओढती .. 16 में सहमती और वो भी इसके लिए ना बाबा ना ।
आगे अपनी बात को कंटीन्यू करते हुए मैंने कहा देखिये अगर सहमती से कुछ भी करने की आजादी हमने लडकियों को दे दी तो भले ही बलात्कार रुक जाए पर इससे हमारी संस्कृति का बलात्कार हो जायेगा ।
इस बार हमारे मित्र निरुतर हो गये.... हम भी पासा सही पड़ता देख वहां से खिसक लिए...
(और वहां से लौटते हुए मुस्कुराते हुए मै सोचने लगी... बात कितनी ही ऊट पटांग क्यों न हो यदि फेक लॉजिक का सहारा और आत्मविश्वास का मुखौटा पहनकर की जाए तो किसी से भी मनवाई जा सकती है.. एटलिस्ट 80% जनता तो मान ही लेगी .. और बाकियों का क्या है वो भी चले आयेंगे भेडचाल में.. आप को क्या लगता है..?)